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Sunday, May 6, 2012

संजय मोहन की कलई खोलने पुलिस पहुंची एलपीएस

संजय मोहन की कलई खोलने पुलिस पहुंची एलपीएस
शिक्षकों ने बताया सच, फरार कारिंदों की तलाश में छापामारी
लखनऊ। गाजीपुर पुलिस ने शनिवार को वृंदावन कॉलोनी में लखनऊ पब्लिक स्कूल (एलपीएस) की दो शाखाओं में तहकीकात की। पड़ताल में पता चला कि स्कूल की कमान संजय मोहन संभाले थे। इसके साथ पुलिस ने संजय मोहन के फरार दो कारिंदों की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी।
डीआईजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि एसओ गाजीपुर मनोज मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने शनिवार सुबह वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर-4ए व सेक्टर-2ए स्थित एलपीएस की शाखा में तहकीकात की। सेक्टर-2ए की प्रिंसीपल व शिक्षकों ने पुलिस को जानकारी दी कि संचालक सीपी सिंह की मौत के बाद से संजय मोहन ही स्कूल की कमान संभाले थे। इसके अलावा वह सेक्टर-4ए में स्कूल की शाखा का निर्माण करा रहे थे। स्कूल का मैनेजमेंट संजय मोहन के खास कारिंदे फारूख के हाथ में था। तहकीकात में खुलासा हुआ कि स्कूल की दोनों शाखाओं में सीपी सिंह के बेटे लोकेश से अधिक दखल संजय मोहन का था। पुलिस टीम ने लोकेश से भी पूछताछ का प्रयास किया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।
इस बीच, विवेचक ने संजय मोहन के कारिंदे फारूख व अशफाक की तलाश में कई स्थानों पर दबिश दी। पुलिस का कहना है कि इन दोनों के हत्थे चढ़ने पर संजय मोहन से जुड़े अन्य राज उजागर होंगे। गाजीपुर थाने की पुलिस ने बृहस्पतिवार रात फोन पर मिली सूचना के आधार पर संजय मोहन के खास कारिंदे देव कुमार पांडेय को 17 लाख रुपये से भरी अटैची के साथ गिरफ्तार किया था। यह रकम टीईटी घोटाले की बताई गई थी, जो संजय मोहन की गिरफ्तारी के तीसरे दिन फारूख और अशफाक ने देव कुमार के हवाले की थी और देव कुमार ने उसे एक परिचित के घर में छिपा दिया था।


बिना सील 17 लाख से भरी अटैची पेश करने पर कोर्ट नाराज
लखनऊ । पूर्व माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन के करीबी देवकुमार पांडेय को पुलिस ने शनिवार को 17 लाख रुपये के साथ अदालत में पेश किया। कोर्ट ने देवेंद्र को 17 मई तक न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। कोर्ट ने रुपयों से भरी अटैची बिना सील किए पेश किए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की।
टीईटी घोटाले के मुख्य आरोपी संजय मोहन के करीबी पांडेय को पुलिस ने गुरुवार रात गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसे शनिवार को जनपद न्यायाधीश कमल किशोर शर्मा की अदालत में पेश किया। उससे बरामद 17 लाख रुपयों से भरी अटैची भी पेश की गई। अटैची को सील नहीं किया गया था। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आरोपी को थानाध्यक्ष गाजीपुर मनोज मिश्रा ने गिरफ्तार किया है। चालान उपनिरीक्षक नजरुल हसन ने किया। थानाध्यक्ष कोर्ट में उपस्थित नहीं हैं। बरामद रुपयों को भी सील नहीं किया गया है केवल चिटबंदी की गई है। न्यायाधीश ने अपने सामने ही अटैची खुलवाकर देखी। उसमें एक हजार के नोटों की 13 गड्डियां व 500 के नोटों की 8 गड्डियां थीं। देव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसे फर्जी फंसाया गया है। उसे चंद्रभान वर्मा के घर बुलाकर गिरफ्तार किया गया, यह पैसा उसका नहीं है।


एसीजेएम के निर्देशों का नहीं रखा ध्यान
पिछले दिनों मड़ियांव थाने की पुलिस ने भी चोरी के सामान को बिना सील किए अदालत में पेश कर दिया था जिस पर एसीजेएम नियाज अहमद अंसारी ने कड़ी नाराजगी जताई थी। साथ ही डीआईजी को पत्र लिखकर कहा था कि आगे से बिना सील बरामद सामान कोर्ट न भेजा जाए। अदालत में घटना की पुनरावृत्ति न करने का निर्देश दिया गया था लेकिन गाजीपुर पुलिस ने भी वही लापरवाही दोहराई।
news-amar ujala 6/5/2012