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Wednesday, May 9, 2012

शिक्षा अभियान में भी दिखेगा सपाई रंग

शिक्षा अभियान में भी दिखेगा सपाई रंग
 लखनऊ समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक एजेंडे का असर अब शिक्षा विभाग में भी देखने को मिलेगा। राज्य सरकार राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खोले जा रहे नये विद्यालयों में अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों को विशेष तरजीह देने जा रही है। प्रदेश में ऐसे ब्लाकों का चयन कर लिया गया है जहां मुस्लिम आबादी अधिक है और इसी जुलाई माह से नये विद्यालय शुरू कर दिए जाएंगे। चूंकि चयन का मापदंड मुस्लिम आबादी है, इसलिए इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले सर्वाधिक लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय है कि सूबे में अल्पसंख्यक बाहुल्य 21 जिलों पर प्रदेश सरकार वैसे ही काफी मेहरबान है और इनके लिए कई विशेष योजनाओं पर ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत नये स्कूलों की योजना में मुस्लिम बाहुल्य ब्लाकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसी के तहत विभाग ने जिलों में पत्र भेजकर ऐसे ब्लाक चयनित करने को कहा था जहां मुस्लिम आबादी अधिक हो। इसके साथ ही वहां नये स्कूलों के प्रस्ताव भी मांगे गए थे। सूत्रों के अनुसार नये विद्यालयों के लिए प्रदेश के 31 जिलों के 73 ब्लाक चयनित किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक आठ विद्यालय मुजफ्फरनगर में खोले जाएंगे, जबकि बिजनौर और सहारनपुर में छह-छह स्थान चयनित हैं। रामपुर, गाजियाबाद, सिद्धार्थनगर में पांच-पांच और बरेली व मुरादाबाद में चार ब्लाक चयनित किए गए हैं। हर विद्यालय में एक प्रधानाध्यापक, 7 अध्यापक, एक क्लर्क और दो चपरासियों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए बजट का प्रावधान कर लिया गया है। बता दें कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत केंद्र सरकार की मंशा हर पांच किलोमीटर के क्षेत्र को माध्यमिक विद्यालयों से जोड़ने की है ताकि सर्व शिक्षा अभियान के तहत पढ़ाई कर रहे छात्रों को इधर-उधर न भटकना पड़े। इसके तहत 2010-11 में 318 विद्यालय खोले गए थे। वर्ष 2011-12 में माध्यमिक शिक्षा के तहत नये विद्यालयों के लिए 58 लाख 72 हजार रुपये का प्रावधान किया है।
source-dainik jagran news paper 9/5/12