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Friday, May 11, 2012

नियुक्ति के नाम पर वसूले जा रहे लाखों

नियुक्ति के नाम पर वसूले जा रहे लाखों
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी संस्था द्वारा 52 हजार शिक्षकों की तैनाती का विज्ञापन देकर सैकड़ों लोगों को चूना लगाने का मामला सामने आया है। ऐसा ही कुछ मामला अब माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री की वित्तविहीन कालेजों में अंशकालीन शिक्षकों को मानदेय देने की योजना को वित्तविहीन कालेज संचालकों ने कमाई का जरिया बना लिया है। बेरोजगारों को सरकारी शिक्षक बनाने का सब्जबाग दिखाकर रुपए वसूले जा रहे हैं। सरकारी नौकरी के लालच में लोगों ने नजराना भी दे दिया है।
गुरुवार को डीआईओएस कार्यालय में शमसाबाद निवासी सुनीता सिंह अपने पिता के साथ पहुंचीं। उन्होंने कार्यालय बाबू से शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया के बारे में जानकारी मांगी। बाबू द्वारा शिक्षकों की भर्ती न निकलने की बात बताने पर उनके होश उड़ गए। सुनीता ने बताया कि एक कालेज संचालक द्वारा उनसे सरकारी शिक्षक बनाने के लिए चार लाख रुपए मांगे गए थे। उनसे कहा गया था कि एक साल उन्हें संविदा पर नौकरी मिलेगी, उसके बाद नौकरी पक्की हो जाएगी। यह कहानी केवल एक सुनीता की नहीं है। कार्यालय अधीक्षक विजय बाबू ने बताया कि उनके पास रोजाना कई लोग नौकरी के बारे में पूछने आ रहे हैं। सबको बता दिया गया है कि शासन ने कोई शिक्षक भर्ती नहीं निकाली है।

किसी को न दें पैसा
डीआईओएस मनोज गिरि का कहना है कि अभी केवल कालेजों से शिक्षकों की जानकारी जुटाई जा रही है। अगर कोई कालेज संचालक या मैनेजर शिक्षक भर्ती के नाम पर पैसे ले रहा है तो यह गलत है। पैसा लेने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

सीडी में नाम भेजने के लिए दे रहे पैसे
वित्तविहीन कालेज संचालक सीडी में नाम भेजने के एवज में पैसे की मांग कर रहे हैं। सबको भविष्य में सरकारी शिक्षक बनने का ख्वाब दिखाया जा रहा है। सीडी जमा कर चुके लोग नाम बढ़वाने के लिए कई बार सीडी वापस मांगने आ रहे हैं। source-amar ujala 11/5/12