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Friday, May 11, 2012

ढाई हजार परीक्षकों ने जांच दीं नौ लाख कॉपियां

ढाई हजार परीक्षकों ने जांच दीं नौ लाख कॉपियां
सुल्तानपुर। यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य आनन-फानन में गुरुवार को निपटा दिया गया। मूल्यांकन कार्य की डेडलाइन करीब आते देख परीक्षकों से मानकों के विपरीत कॉपियां जंचवाई गईं। विषय विशेषज्ञ परीक्षकों पर इसका खासा दबाव रहा। मूल्यांकन कार्य के 14 दिनों में पांच मूल्यांकन केंद्रों पर 2,449 परीक्षकों ने 9,47,991 कॉपियां जांचीं गईं।
माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट व हाईस्कूल की बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए जिले में पांच केंद्र बनाए गए थे। प्रदेश के विभिन्न जिलों से मूल्यांकन के लिए कुल 9,47,991 कॉपियां आई थीं। मूल्यांकन के लिए कुल 2,449 परीक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हाईस्कूल के लिए बनाए गए तीन केंद्रों मधुसूदन इंटर कॉलेज में 1,90,638, नेशनल इंटर कॉलेज, कादीपुर में 1,33,392 और महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज, उतुरी में 1,00,430 उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए आई थीं। इन विद्यालयों में क्रमश: 530, 445 व 377 परीक्षक लगाए गए थे। इंटरमीडिएट के लिए बनाए गए केंद्रों पर राजकीय इंटर कॉलेज में 2,89,532 और केशकुमारी राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में 2,33,939 कॉपियां मूल्यांकन के लिए आई थीं। इनमें क्रमश: 551 व 546 परीक्षक तैनात किए गए थे। कॉपियों के हिसाब से पर्याप्त परीक्षक तो रहे, लेकिन विषयवार कॉपियों के परीक्षकों की कमी रही। एक दिन में हाईस्कूल के एक परीक्षक को 50 और इंटर के 45 कॉपियों के मूल्यांकन कार्य का मानक निर्धारित है। एक परीक्षक अधिकतम 700 (हाईस्कूल) व 600 (इंटरमीडिएट) कॉपियों का मूल्यांकन कर सकता है। 15 दिनों में मूल्यांकन कार्य पूरा किया जाना था। 26 अप्रैल से शुरू हुआ कॉपियों के जांचने का सिलसिला गुरुवार को समाप्त हो गया। अंग्रेजी, शिक्षाशास्त्र, रसायन विज्ञान, हिंदी, गणित, विज्ञान जैसे विषयों के परीक्षकों की कमी के चलते इनसे मानक से कहीं अधिक कॉपियों का मूल्यांकन कराया गया है।
source-amar ujala 11/5/12